गोरखपुर- NOI ।नोटबंदी के बाद कैशलेस रिजर्वेशन की ओर कदम बढ़ा रही रेलवे को बड़ी चुनौती से जूझना पड़ रहा है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड से बने टिकट का रिफंड यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है। रिफंड की रकम किस खाते में जा रही है, इसकी जानकारी रेलवे और एसबीआई दोनों को नहीं है।
एहतियात के तौर पर रेलवे ने नियम में बदलाव कर रिफंड के लिए यात्रियों से टीडीआर (टिकट डिपाजिट रिसिप्ट) भरवाना शुरू कर दिया है। यानी कैशलेस की शुरुआत के बीच एक बार फिर रिफंड में मैनुअल की तरफ लौटना पड़ रहा है।रिफंड को लेकर यह समस्या पूर्वोत्तर रेलवे के ही नहीं देश के उन सभी रेलवे आरक्षण केंद्रों पर बनी हुई है जो नोटबंदी के बाद कैशलेस योजना की तरफ बढ़े हैं
रोजाना यात्रियों और बुकिंग क्लर्क में हो रही है झड़प
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 125 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं। इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे यात्री रिफंड के लिए आरक्षण केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। रोजाना बुकिंग क्लर्क और यात्रियों के बीच इसे लेकर नोकझोंक भी हो रही है।
केस 1
एसके शुक्ल ने गोरखपुर-गोमतीनगर एक्सप्रेस से बुक कराए गए एसी 3 श्रेणी के रिजर्व टिकट को कैंसल कराने के लिए दो जनवरी को आवेदन किया। काउंटर पर टिकट कैंसल नहीं हो सका और उनसे टीडीआर (टिकट डिपाजिट रिसिप्ट) भरवाया गया। रिफंड कब मिलेगा, उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई।
केस 2
बीएन सिन्हा चार जनवरी को आरक्षण केंद्र पहुंचे और उन्होंने 25 जनवरी की यात्रा के लिए बुक कराए गए रिजर्व टिकट को कैंसल कराने का आवेदन दिया। बुकिंग काउंटर पर बताया गया कि टिकट रिफंड के लिए उन्हें टीडीआर भरना होगा। इसके बाद उन्होंने टीडीआर फार्म भरा।