नई दिल्ली- NOI । आने वाले दिनों में अगर आप ‘पेप्सी राजधानी’ या ‘कोक शताब्दी’ से यात्रा करते हैं तो हैरान होने की आवश्यकता नहीं है। रेल मंत्रालय ने लोगों पर बिना किराए का बोझ बढ़ाए राजस्व बढ़ाने का नया तरीका निकाला है। रेलवे की योजना है ट्रेन और रेलवे स्टेशन के नाम ब्रांड के हिसाब से बदलने की है। ब्रांड के प्रचार के लिए रेलवे स्टेशन और ट्रेन का नाम ब्रांड के साथ जोड़ेगा और उसके बदलने पैसा जुटाया जाएगा। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय का इस योजना से संबंधित प्रस्ताव तैयार है और इसे रेलवे बोर्ड की अगली बैठक में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
प्रस्ताव के मुताबिक, कोई भी ब्रांड या कंपनी किसी भी ट्रेन के पूरे मीडिया अधिकार खरीद सकेगी। मीडिया अधिकार खरीदने के बाद कंपनी या ब्रांड ट्रेन की बोगियों के भीतर या बाहर अपना प्रचार कर सकेगी।
यूपीए सरकार ने भी किया था प्रयास
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया, ‘रेलवे ने विज्ञापन अधिकार को अलग-अलग बेचने के बजाय पूरे मीडिया राइट्स देने की तैयारी की है। इसके साथ ही स्टेशनों के मीडिया अधिकार भी बड़े कॉर्पोरेट खिलाड़ियों को दिए जाएंगे।’
दरअसल, पीएम मोदी बिना रेल भाड़ा बढ़ाए विज्ञापन और अन्यों स्रोत्रों से राजस्व बढ़ाने की योजना चाहते थे। इसी के तहत हालिया बैठक में यह प्रस्ताव आया। हालांकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भी इस तरह की कोशिश की थी लेकिन यह योजना जमीं पर नहीं उतर सकी।