कश्मीर की वादी में बुधवार को हिमस्खलन ने एक मेजर और एक परिवार के चार सदस्यों समेत छह नागरिकों की जान ले ली। हालांकि आठ सैन्यकर्मियों को बचा लिया गया है, लेकिन दो अभी भी लापता हैं। इस दौरान आधा दर्जन मकान और एक सैन्य शिविर क्षतिग्रस्त हो गया। उधर श्रीनगर के पंथाचौक में पहाड़ी खिसकने से असुरक्षित 10 मकानों से एक दर्जन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने सोनमर्ग में हिमस्खलन में एक मेजर अमित सागर की मौत की पुष्टि की है। आठ जवानों को बर्फ के नीचे दबे शिविर से बाहर निकाला गया है। वे सभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। हिमस्खलन में तबाह हुआ सैन्य शिविर श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला दर्रे से पहले सोनमर्ग में पुलिस स्टेशन के ऊपरी तरफ है। सेना की 115वीं टेरीटोरियल आर्मी से संबंधित इस शिविर पर सुबह करीब साढ़े 10 बजे निकटवर्ती पहाड़ी से बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़े गिरने लगे, जिससे दो बैरकें उनके नीचे दब गई। उसी समय अन्य सैन्यकर्मियों ने राहत कार्य शुरू कर दिया, लेकिन वे मेजर को नहीं बचा पाए। छह सैन्यकर्मियों को अचेतावस्था में बाहर निकाला गया।
बाद में उन्हें अस्पताल में होश आया। दो अन्य सकुशल निकले। इससे पूर्व उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे गुरेज सेक्टर (बांडीपोर) के अंतर्गत तुलेल से सटे बुडुगाम गांव में सुबह हिमस्खलन के दौरान पहाड़ी से कटी बर्फ के नीचे हबीबुल्ला लोन (50) परिजनों संग दब गए। ग्रामीणों ने बर्फ को हटाने का प्रयास करते हुए सेना व पुलिस को सूचित किया। सेना और पुलिस के बचाव दल ने बर्फ को हटाते हुए क्षतिग्रस्त मकान में दबे हबीबुल्ला और उनके परिजनों को बाहर निकाला, लेकिन हबीबुल्ला और उनकी पत्नी अजीजी के अलावा उनका एक बेटा इरफान (17) और बेटी गुलशना बानो (19) की मौत हो चुकी थी। सिर्फ एक बेटा रियाज (18) ही जिंदा बचा है। उसे निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया है।
इस बीच बडगाम जिला अस्पताल परिसर में सुबह बीरवाह निवासी मुदस्सर अहमद (27) की हृदयाघात से मौत हो गई। वह अस्पताल में उपचाराधीन अपने एक परिजन की तीमारदारी के लिए आया था। मंगलवार की रात वह आराम करने के लिए बाहर खड़े अपने वाहन में सो गया। उस समय वहां हिमपात हो रहा था। पूरी रात ठंड में रहने के कारण उसे हृदयाघात हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई। इसी दौरान कुपवाड़ा जिले के करालपोरा में अब्दुल गनी अपने बेटे संग मकान की छत से बर्फ हटा रहा था कि छत धंस गई और दोनों नीचे गिर पड़े। इस हादसे में अब्दुल गनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका बेटा जख्मी हो गया।
मंडलायुक्त बसीर अहमद खान ने बताया कि हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हालात को देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन दलों की तैनाती की गई है। लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों पर बर्फ जमा न होने दें। हिमपात के दौरान अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर न निकलें। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने अगले 24 घंटों के दौरान कुपवाड़ा, टंगडार, उड़ी, सोनमर्ग, गुलमर्ग व पीरपंजाल से सटे इलाकों में हिमस्खलन के साथ बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की है।