नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर पकडऩे के बीच आज कुछ मुस्लिम संगठनों ने समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार पर मुसलमानों के साथ धोखा करने एवं उन्हें बंधुआ वोटर की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि वे अपने समुदाय के लोगों को जागरूक करके बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में वोट देने के लिये लामबंद करेंगे।
दारुल उलूम देवबंद ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुफ्ती एजाज अरशद कासमी, महाद शेख निजामुद्दीन औलिया के प्रिंसिपल मौलाना साजिद अली, नदवा ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन लखनऊ के अध्यक्ष मौलाना मुख्तार अहमद नदवी सहित अनेक मुस्लिम नेताओं ने मुत्ताहिदा मिल्ली मजलिस के बैनर तले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ये ऐलान किया।
‘सॉल्ट हिन्दुत्व’ की लाइन पर चल रहे अखिलेश-मुफ्ती कासमी
मुफ्ती कासमी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर ‘सॉल्ट हिन्दुत्व’ की लाइन पर चलने का आरोप लगाया और कहा कि सपा के पांच साल के राज में 200 से अधिक दंगे फसाद हुए। मुजफ्फरनगर दंगों में सरकार ने कोई मदद नहीं की और मुसलमानों के स्वयंसेवी संगठनों ने मदद की। उन्होंने कहा कि मुसलमान अपनी हिफाजत चाहता है। अपनी तरक्की के लिये वह किसी की मदद का मोहताज नहीं है। वह सुरक्षित रहे तो खुद ही आगे बढऩा जानता है।
मुसलमानों को आरक्षण देने का वादा नहीं निभाया सपा सरकार ने
उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस-सपा का गठबंधन होने के बाद वे सुन रहे हैं कि मुसलमान खुद ही इस गठबंधन को वोट देगा। उन्होंने कहा कि सपा ने 2012 में अपने घोषणा पत्र में मुसलमानों को आरक्षण देने सहित करीब 14 वादे किये थे जिनपर यकीन करके उनके समुदाय ने एकजुट होकर सपा को वोट दिया था। इसी से सपा की सरकार बनी थी लेकिन पांच साल में मुख्यमंत्री ने मुसलमानों की ओर देखना तक गंवारा नहीं किया। अनेक बार मुसलमान संगठनों ने उनके वादे याद दिलाने की कोशिश की पर अखिलेश यादव मिलने को ही तैयार नहीं हुए।