लखनऊ, NOI । यूपी की राजधानी के तेल कारोबारी की हत्या के बाद फैमिली से मिलने पहुंची एसएसपी मंजिल सैनी रो पड़ी।उन्होंने माना कि कारोबारी की हत्या पुलिस की लापरवाही का नजीता है। वहीं, एसएसपी को रोता देख पब्लिक भी बोल पड़ी- मत रोइए मैम।
क्या था पूरा मामला
लखनऊ सआदतगंज के रहने वाले तेल कारोबारी श्रवण कुमार साहू (50) बुधवार शाम अपनी दुकान पर बैठे थे।इसी दौरान पल्सर सवार दो बदमाश वहां आए और अधाधुंध फायरिंग करते हुए श्रवण पर 5 गोलियां चलाईं। गोली उनके सिर में लगी,घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, बता दें, श्रवण साहू अपने जवान बेटे आयुष की हत्या की पैरवी कर रहे थे। आरोप है कि 16 अक्टूबर 2013 की रात अकील नाम के बदमाश ने पुलिस की शह पर आयुष की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
परिजनों ने कहा बताया था, आयुष अपने दोस्तों के साथ बीयर पीने गया था। अकील भी वहीं बैठकर बीयर पी रहा था।दुकान में बीयर की ठंडी एक ही बोतल बीयर बची थी, जिसके लिए आयुष पहले से ही पैसा दे चुका था, लेकिन अकील ने अपना दबदबा दिखाते हुए वह बोतल हासिल की कोशिश की।
इसको लेकर आयुष और अकील के बीच कहानीसुनी हो गई और अकील ने उसे मौके पर गोली मार दी।ताबड़तोड़ फायरिंग में आयुष की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि उसके दोस्त आकाश साहू और नितिन साहू भी घायल हुए थे।
तो इसिलए रो पड़ीं एसएसपी, बोलीं ये बातें
इसके पहले अकील ने श्रवण साहू को फंसाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मिलकर 2 बेगुनाहों को आर्म्स एक्ट में जेल भिजवा दिया था। आरोप है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने कहानी बनाते हुए अधिकारियों को बताया था कि श्रवण साहू ने अकील नाम के शख्स को मारने के लिए 20 लाख की सुपारी दी थी।
लेकिन मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी मंजिल सैनी ने एसआई धीरेंद्र शुक्ला, कॉन्स्टे बल धीरेंद्र यादव, कॉन्स्टे बल अनिल सिंह को बर्खास्त कर दिया था।वहीं, कॉन्स्टे बल राजाराम पांडेय, कॉन्स्टेबल सुजीत कुमार, विवेक मिश्रा, आलोक पांडेय और लवकुश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया था।श्रवण साहू की हत्या की घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश था।गुरुवार सुबह एसएसपी मंजिल सैनी ने मौके पर पहुंच कर परिवार वालों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की।इस दौरान उन्होंने खुद बताया कि श्रवण साहू से उनकी मुलाकात हुई थी और उन्हें फर्जी फंसाने वाले क्राइम ब्रांच के दरोगा और सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया था।इसके बाद उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड का निर्देश भी दिया गया था, लेकिन चुनाव के दौरान कानूनी कार्रवाई के चलते उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया नहीं कराया जा सका।श्रवण साहू की हत्या पुलिस की लापरवाही के चलते हुई है। उनकी जिंदगी बचाई जा सकती थी, लेकिन हम लोग (पुलिस) उन्हें नहीं बचा सके। यह कहते-कहते वह रो पड़ी।