नई दिल्ली, एजेंसी। टीम इंडिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 75 रन की हार के बाद ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। कंगारू टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ के ब्लैक आउट पर वार करते हुए विराट कोहली ने इशारों ही इशारों में काफी कुछ कहा और आईसीसी से पूरे मामले की जांच की मांग भी की।
दरअसल, दूसरे टेस्ट में अंपायर ने उमेश यादव की गेंद पर स्टीव स्मिथ को पगबाधा आउट करार कर दिया गया था। इसके बाद स्मिथ ने ड्रेसिंग ने पीटर हैंड्सकॉम्ब की तरफ देखा और फिर ड्रेसिंग रूम से पूछा, जहां से उन्हें वापस आने के लिए कहा गया। इस पूरे वाकये को स्मिथ ने दिमागी रूप से ‘ब्लैक आउट’ (ब्रेन फेड) होने का नतीजा बताया। स्मिथ ने माना कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
हालांकि इस पूरे मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। क्रिकेट नियमों के अनुसार, यदि कोई भी खिलाड़ी ऐसा करता है, तो उसे खेल भावना को आहत करने का दोषी माना जाता है। यदि स्मिथ रिव्यू ले भी लेते, तो भी उन्हें आउट ही करार दिया जाता।
‘ये गलती नहीं है, न ही पहली बार हुआ ऐसा’
इस पूरे मामले पर कोहली ने कहा, “यदि कोई खिलाड़ी बल्लेबाजी करते हुए गलती करे तो उसे ब्रेन फेड कहा जा सकता है। पुणे में मैंने गेंद छोड़ी और वो ऑफ-स्टंप पर जाकर लगी। यह ब्रेन फेड का नतीजा हो सकता है। अगर कुछ 3 दिन से चल रहा है, तो उसे ब्रेन फेड नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा मुझे कुछ नहीं कहना, वीडियों मौजूद हैं और हर कोई उन्हें देख सकता है।”
भारतीय कप्तान ने कहा कि यह बार-बार होने लगा था। इस वजह अंपायर को भी मालूम था कि ऐसा फिर हो सकता है। कोहली ने दावा किया उनकी बल्लेबाजी के दौरान ऐसा दो बार हुआ था। कोहली ने दावा किया कि टेस्ट 3 दिनों में ऑस्ट्रेलिया ने 2 बार ड्रेसिंग रूम से मदद मांगी थी। उन्होंने इसकी शिकायत अंपायर से भी की थी।
विराट ने कहा, “स्लेजिंग एक अलग मसला होता है। मैं उस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता जो इस तरह की हरकत के लिए किया जाता है। मैं मैदान पर ऐसी हरकत कभी नहीं करुंगा।” कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए ‘बेईमान’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।