28 C
Lucknow
Thursday, December 26, 2024

​प्राइवेट स्कूलों के तानाशाह रवैये पर कब चलेगा सरकारी चाबुक…

लखनऊ,दीपक ठाकुर। शिक्षा का मंदिर कहा जाने वाला स्थान हमारा विद्यालय अब ना जाने क्यों शिक्षा का व्यापारिक केंद्र बनता जा रहा है ऐसा प्रतिस्पर्धा को ले कर नहीं बल्कि धन उगाही की होड़ में लगे कुछ प्राइवेट स्कूल के तानाशाह रवैये से हो रहा है जिसकी मार सीधे उन अभिभावकों पर पड़ रही है जो स्टेटस मेंटेन के चक्कर में और बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए ऐसे स्कूलों का रुख करते हैं।

निजी स्कूलों की मनमानी का तो ये आलम है कि इन स्कूल के प्रबंधको को सरकारी आदेशों की भी धज्जियां उड़ाते ज़रा भी हिचकिचाहट नहीं महसूस होती है मसलन अगर हमारी सरकार प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए कोई भी आदेश लाती है तो निजी स्कूल उसकी अनदेखी कर अपनी ही नियम कायदे चलाया करते है फिर बात चाहे फ़ीस की हो अवकाश की या स्कूल टाइमिंग की इन सभी मामलों में निजी स्कूल सरकारी तंत्र से बेख़ौफ़ रह कर अपने नियम चलाकर अभिभावकों का शोषण करते है ऐसा अभिभावकों की आये दिन की कंप्लेन से साफ़ ज़ाहिर भी होता है।

प्राइवेट स्कूल ऐसा क्यों करते हैं इसकी भी  एक बड़ी वजह है वो ये की सरकारी स्कूलों में शिक्षा का जो स्तर है वो काफी गैरज़िम्मेदाराना है क्योंकि वहाँ अध्यापक पढाई सिर्फ एक ड्यूटी के रूप में कराते है जिससे बच्चो में ज्ञान का लेबल सिमटा ही रहता है इसी का फायदा ये निजी स्कूल उठाते है अच्छी शिक्षा देने के नाम पर मनचाहा दाम ले कर।

तो ऐसी तमाम कई बातें है जिनसे निजी स्कूलों की मनमानी बदस्तूर जारी है अभिभकों की नाराजगी के बाद भी इनके कानो में जू तक नहीं रेंगती ये जानते है कि सरकारी स्कूलों की ख़राब छवि का इनको भरपूर फायदा मिलेगा।अब देश प्रदेश में सत्ता बदल चुकी है जिससे जनता के मन में आस जागी है कि स्कूल की मनमानी पर नकेल कसी जा सकती है इसलिए अभिभाक फिर एक बार शासन प्रशासन से गुहार लगा रहे है कि ऐसी मनमानी बंद करवाइये जिससे हमारे बच्चे और हम कई वर्षों से आहत है जितना मेहनत से कमाते है वो बच्चो की फीस और उनके दाखिले में ही खत्म हो जाता है ऐसे में जीवन यापन करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें