लखनऊ,दीपक ठाकुर।काश्मीर भारत का अभिन्न अंग है ये हर देशवासी जनता है और जो इसको भारत से अलग करने की बात करता है तो वो देश द्रोही कहलाता है जो वाजिब भी है। जे एन यू में हुए घटनाक्रम के बारे में सब जानते ही है कि वहां किस तरह के नारे लगे और नारे लगाने वालों के साथ हमारी सरकार ने क्या किया।हालांकि गुस्सा हर भारतीय के दिल मे था पर कार्यवाई तो सरकार ही कर सकती है और उसने की भी जिसमे कोई सबूत के आभाव में छूट गया तो कोई फरारी काट रहा है।
यहां मतलब सिर्फ इतना है कि भारत काश्मीर का अभिन्न अंग है था और रहेगा ये ना मानने वाला देश की नज़र में देश द्रोही कहलायेगा पर ये बात वही के पूर्व मुख्यमंत्री क्यों नही समझ रहे ये बात समझ नही आती हम बात कर रहे हैं नेशनोल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और काश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की वो बार बार उन ताकतों के समर्थन में कईं बयान बाज़ी करते हैं जिन्हें भारत अपना दुश्मन मानता है।
हम सभी जानते है कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबों के कारण वहां हमारी सेना अथक प्रयास कर रही है जिससे वहां की जनता अमन चैन की ज़िंदगी बसर करे पर उसी सेना पर वहां के अराजक तत्व पत्थर बाज़ी करते है तो फारुख साहब को इसमें कोई गलतबात नही दिखाई देती बल्कि वो कहते हैं पत्थर बाज़ी सही है वहां की जनता को सेना से परेशानी है।
कमाल है फारुख साहब आपने कई साल वहां की मुख्य कुर्सी संभाली देश ने आपको वो ज़िम्मेदारी दी क्या आप यही फ़र्ज़ अदा कर रहे हैं देश की जनता के विश्वास का क्या भारतीय सेना पर आपको विश्वास नही है आप उनका साथ दे रहे है जिन्हें पूरा देश गलत कह रहा है।
अब यहां सवाल ये उठता है कि फारुख साहब की ऐसी बयानबाज़ी पर कोई एक्शन क्यों नही लिया जाता क्यों उनको इतनी छूट दी गई है कि वो इस तरह के बयान दे जिससे उनके हौसले बुलंद हो जो भारत को काश्मीर से अलग करना चाहता है। आग को हवा देने से आग फैलती है उस पर पानी डालना ही अक्लमंदी कहलाती है ये बात फारुख अब्दुल्ला जी जल्दी समझ लें यहीं हमारे देश के लिए बेहतर होगा।