नई दिल्ली, एजेंसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 150 एम्बुलेंस का शुभारंभ किया था. इनमें एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) के नाम पर एम्बुलेंस में उपकरणों का भी अभाव रहा. 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर रखने तक की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी. एम्बुलेंस के पीछे का दरवाजा तक बंद नहीं हो रहा था. अधूरी एएलएस एम्बुलेंस की बात सामने आते ही अफसरों के हाथ पांव फुलने लगे. अब इस मामले में जाँच के आदेश दे दिए हैं.
अधूरी एएलएस एम्बुलेंस मामले में जांच शुरु:
इसके पहले अधूरी एम्बुलेंस का अफसरों ने उद्घाटन कराया था. उद्घाटन के बाद एम्बुलेंस सर्विस स्टेशन पहुंच गई थी. जब गड़बड़ी की बात सामने आई तब कम्पनी ने 11 एम्बुलेंस खराब होने की बात मानी. यूपी सरकार ने सभी सीएमओ को जांच के आदेश दे दिए हैं. आनन-फानन में अफसरों ने नम्बर बढ़ाने के लिए उद्घाटन करा दिया. समारोह में कई खटारा एम्बुलेंस खड़ी थी.
कंपनी के अफसरों ने घालमेल कर एएलएस बेडे में खटारा एम्बुलेंस भी शामिल कर दी. नतीजतन गोमतीनगर पॉलीटेक्नीक पहुंचे ही एम्बुलेंस की सांसें उखड़ने लगी. दो एम्बुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर गिर गए. बाकी कई एम्बुलेंस के दरवाजे खुल गए। खिड़कियों में लगे शीशे हिलने लगे. एक एम्बुलेंस की खिड़की का शीशा चटख गया.ऑक्सीजन सिलेंडर का दरवाजा भी बंद नहीं हो रहा था. खामियों की सूचना पायलटों ने अफसरों को दी. नतीजतन पांच कालीदास से निकलने के बाद एम्बुलेंस सीधे वर्कशाप पहुंच गई। जहां एम्बुलेंस की मरम्मत का शुरू हुआ। मरम्मत के वक्त एम्बुलेंस में जीवनरक्षक उपकरण भी नहीं थे। हालांकि जीवीकेएमआरआई ने किरकिरी से बचने के लिए चिनहट की मोटर कंपनी को काली सूची में डालने का दावा किया है।