सीतापुर,अनूप पाण्डेय:NOI।खेतों को जलाने वाले किसानों पर सरकार की निगाह तिरछी हो गई है।
बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोक लगाने एवं खेतों के अवशेष जलाने से मृदा की उर्वरा शक्ति कम पड़ जाने को लेकर सरकार को गहरी चिंता सता रही है।
जिसको लेकर शासन ने सख्त निर्देष दिए हैं कि जिस किसान ने भी खेत जलाया उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि ग्रामीण लोग खेत में जब फसल कट जाती है तो गंदगी को साफ करने के लिए किसान खेतों में पड़े अवशेषों में आग लगा देते हैं जिससे वह कूड़ा करकट तो जल जाता है मगर आग से मिटटी को बेहद नुकसान होता है। आग से मृदा जल जाने से उसमें मौजूद उर्वरा शक्ति भी जल कर नष्ट हो जाती है। वैज्ञानिकों की आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आग लगाने से मिटटी में जो उर्वरा शक्ति को बढ़ावा देती है वह जीवाणु जलकर नष्ट हो जाते हैं जिससे फसल कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस पर रोक लगाना जरूरी है। इसी को लेकर शासन ने निर्देशित किया है कि अगर किसी भी किसान ने खंेतों में पड़े अवशेशों को जलाया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी लोग क्षेत्रों में निगाह रखे कि कोई भी किसान खेतों को जला न सके। अगर कोई किसान ऐसा करता है तो उसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को दे।
कंबाइन से नहीं काटे जाएंगे गेहूं
जानवरों के लिए भूसा को लेकर होने वाली परेशानी को लेकर शासन ने निर्णय लिया है कि कंबाइन से गेहूं फसल का कटान नहीं होगा। अगर कोई भी किसान ऐसा करता पाया गया तो उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।