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Wednesday, January 15, 2025

यूपी: साधू बनकर घूमता था मुस्लिम कॉन्ट्रैक्ट किलर, इस तरह करता था मर्डर

इलाहाबाद। सीएम योगी ने हाल ही में भगवा ओढ़कर फर्जी काम करने वालों को चेताया था। तब उनका निशाना अपराधियों के भगवामय बन कर बचने पर था। उसी कड़ी का एक सच अब सामने आया है। प्रतापगढ़ में वकील की दिनदहाड़े हत्या करने वाला बदमाश भगवा वस्त्रधारी ही था। उसने यह हुलिया इस लिये बनाया था । ताकि उस पर कोई शक न कर सके। आप भी जरा सोचिए कोई भगवा वस्त्र, गले में भगवा गमछा और रुद्राक्ष पहने आपके सामने आ जाये तो क्या समझेंगे। प्रथमदृष्टया तो उसे साधू ही समझा जायेगा। लेकिन अगर वह साधू की वेशभूषा में कॉन्ट्रैक्ट किलर हो तो?

क्या है मामला?
लालगंज तहसील में जलेशरगंज के वकील धनंजय मिश्रा प्रैक्टिस करते थे। वह बार एसोसिएशन लालगंज के पूर्व अध्यक्ष भी थे। 24 अप्रैल की शाम 6 बजे धनंजय रामपुर बावली स्थित रामानंद सरस्वती डिग्री कॉलेज गये थे। वहां से परीक्षा दिलाकर बेटी के साथ घर लौट रहे थे। मोठिन गांव स्थित धर्मकांटा के पास चार नकाबपोश बाइक बदमाशों ने चलती बाइक से ही धनंजय को गोली मार दी थी । बाइक से गिरने के बाद बदमाशों ने रूककर धनंजय के उपर फिर से गोलिया चलाईं। बेटी अंशिका चीखते हुए पापा को छोड़ देने के लिये मिन्नत करती रही। लेकिन बदमाश धनंजय को मारकर गये। उनमे यह भगवा धारी टीम को लीड कर रहा था।
बेटी के सामने हुई थी हत्या


प्रतापगढ़ में लालगंज तहसील के पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट धनंजय मिश्रा की हत्या 24 अप्रैल को उनकी बेटी के सामने ही गोलियों से भून कर की गई थी। धनंजय की हत्या करने वाले कॉन्ट्रैक्ट किलर को गिरफ्तार कर लिया गया है। अली शेर उर्फ सोनू नाम के इस किलर को स्पेशल टास्क फोर्स ने दबोचा है। कॉन्ट्रैक्ट किलर सोनू पर 15 से ज्यादा मुकदमे हैं। एक मर्डर केस में इसे उम्र कैद की सजा हुई है। 23 अगस्त 2016 को प्रतापगढ़ में पेशी के दौरान यह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। तबसे पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। पूछताछ में किलर ने कई चौंकाने वाले तथ्य बताये हैं।

भगवा पहनकर देता था धोखा

पुलिस ने मीडिया के सामने कॉन्ट्रैक्ट किलर अली शेर अली उर्फ़ सोनू को पेश करते हुये बताया कि 15 हजार रुपए का इनामी यह अपराधी रामपुर बावली लालगंज का रहने वाला है। यह अपने शिकार को धोखा देने के लिये भगवा और रूद्राक्ष धारण करता था। जिससे इसपर कोई शक नहीं करता था और यह घटना कोई आसानी से अंजाम देकर फरार हो जाता था। यह रेकी के समय भी ऐसी ही वेशभूषा में निकलता था। ताकि आसानी से वह सबकी नजरो में न आ सके। मुस्लिम होने के बावजूद उसे भगवा पहनने से कोई गुरेज नहीं था। क्योंकि ऐसे में पुलिस की नजर पड़ने के वजूद भी उस पर गौर नहीं किया जाता था।

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