नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका के रक्षा सुरक्षा प्रमुख ने अमेरिकी संसद की एक समिति को बताया कि भारत एक ओर पाकिस्तान को राजनयिक मुद्दे पर अलग-थलग करने की कोशिशों में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर सीमापार आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी भी कर रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल विंसेट स्टुअर्ट ने अमेरिकी संसद की आर्म्ड सर्विसेज कमिटी को विश्व स्तरीय खतरों पर बातचीत के दौरान इस बात की जानकारी दी। जनरल विंसेट का बयान उस वक्त आया है जब एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने सीमापार कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की एक पोस्ट को तबाह किया है।
उन्होंने कहा कि भारत हिंद महासागर में खुद की सुरक्षा और हितों के लिए अपनी सेना के आधुनिकीकरण में लगा हुआ है। इसके साथ ही आर्थिक और राजनयिक तौर पर भी वो पूरे एशिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। विंसेट ने आगे कहा कि भारत पर हुए कई आतंकी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते बहुत खराब हुए है। पिछले साल सितंबर में आर्मी बेस पर हुए हमले के बाद भारत ने सीमापार बड़ी कार्रवाई की थी। 2016 में भी दोनों ही देशों ने सीमापार से बड़ी कार्रवाई की। यही वजह है कि लगातार दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने सांसदों को यह भी बताया कि 2017 में इस्लामाबाद ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों के जरिए आतंकवादी, सांप्रदायिक ताकतों, आतंकवादी और अलगाववादियों की हिंसा को रोकने में कुछ हद तक सफलता हासिल की है।
विंसेट ने ये भी कहा कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की तादात बढ़ी है। अपने निजी हितों के लिए लगातार परमाणु हथियारों के विकास ने एक स्थायी खतरा भी पैदा कर दिया है। विंसेट ने साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते हितों की भी बात करते हुए समिति को आगाह किया।