लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने डाक्टरों के तबादला नीति की घोषणा करते हुए कहा है कि ५ वर्ष तक की सेवा वाले डाक्टरों की तैनाती छोटे जिलों में की जाएगी।सरकार ने जिलों को ए, बी, सी और डी चार श्रेणियों में विभाजित किया है। ५ वर्ष की सेवा वाले डाक्टर सी और डी जिलों में ही तैनात किए जाएंगे। ए श्रेणी में लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद सहित १६ बड़े जिले शामिल किए गए हैं, जबकि बी श्रेणी में हरदोई, फैजाबाद, कानपुर देहात सहित २९ जिले हैं। औरैया, जालौन जैसे १९ जिलों को सी श्रेणी में शामिल किया गया है और ११ जिलों को डी श्रेणी दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में डाक्टरों के तबादला नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों, उपकरणों, मशीनों तथा संयंत्रों के खरीद के लिए ई-प्रोक्योरमैंट एवं ई-टैंडरिंग व्यवस्था लागू कर दी है। इसके अलावा विभाग द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्य भी ई-टैंडरिंग के माध्यम से होंगे। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने राज्य की नई खनन नीति लागू की है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म राज प्रताप सिंह ने शासनादेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी जारी
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों में वर्तमान सत्र २०१७-१८ की स्थानांतरण नीति जारी कर दी है। नीति के अनुसार ५ साल से पहले शिक्षक जनपद नहीं बदल सकेंगे। इस पॉलिसी में २ अंग हैं। एक जनपद के अंदर और दूसरा जनपद के बाहर ट्रांसफर के लिए है। इस निर्णय का असर यूपी के करीब ५ लाख ८५ हजार शिक्षकों पर पड़ेगा।