लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती 18 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद से हर 18 तारीख को अहम बनाने की राह पर हैं। प्रदेश में मिशन बीजेपी क्लीन के तहत मायावती सितंबर से हर महीने की 18 तारीख को दो-दो मंडलों में कार्यकर्ता सम्मेलन तथा रैली कर 2019 की तैयारी में हैं।
राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद से अब बसपा सुप्रीमो मायावती अगले अहम कदम की ओर बढ़ रही है। पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक स्थान दिलाने के इरादे वे मायावती ने कमर कस ली है। उन्होंने अब अपने मिशन 2019 का ऐलान कर दिया है। मायावती 18 सितंबर, 2017 से 18 जून, 2018 तक उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों के दौरे पर रहेंगी। 18 सितंबर 2017 से 18 मई 2018 तक उनका मंडलवार दौरे का कार्यक्रम है। वह पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयार कर रही हैं।
मायावती 18 सितंबर 2017 को मेरठ में मेरठ व सहारनपुर मंडल के कार्यकर्ता सम्मेलन के साथ ही रैली करेंगी। 18 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में वाराणसी व आजमगढ़ मंडल के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन होगा। 19 नवंबर को आगरा में आगरा व अलीगढ़ मंडल तथा 19 दिसंबर को फैजाबाद में फैजाबाद व देवीपाटन मंडल के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन तथा रैली होगी।
मायावती 18 जनवरी 2018 को जालौन के उरई में झांसी तथा चित्रकूटधाम मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगी। 18 फरवरी को इलाहाबाद में उनकी इलाहाबाद तथा मीरजापुर मंडल के सभी कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन होगा। 18 मार्च को पीतलनगरी मुरादाबाद में मायावती बरेली तथा मुरादाबाद मंडल के कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगी। 18 अप्रैल को मायावती की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में गोरखपुर तथा बस्ती मंडल के बसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी। 18 मई को लखनऊ में वह लखनऊ व कानपुर मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद उनका जून से मंडलवार रैली भी करने का कार्यक्रम है। मायावती 2019 के चुनावों मद्देनजर देश के अन्य हिस्सों का दौरा भी करेंगी।
मायावती ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में साफ कहा है कि अब मैं भाजपा को जरा भी चैन नहीं लेने दूंगी। मायावती ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उत्तर प्रदेश के नेता, कार्यकर्ता व राज्यसभा सांसद को शामिल किया। राज्य में पूरी तरह जमीन खो चुकी बहुजन समाज पार्टी फिर से जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है। मायावती ने अपनी नई रणनीति का आगाज बीजेपी को ललकारते हुए किया। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी को चैन से बैठने नहीं देंगी।
राज्यसभा में सहारनपुर में दलितों के उत्पीडऩ के मुद्दे पर बोलने से रोके जाने से आहत मायावती अब हर महीने की 18 तारीख को अपना राजनीतिक शहीदी दिवस बनाना चाहती हैं।
राजनीतिक हलकों में मायावती के इस कदम को उनके दलित वोट बैंक को मजबूत करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
राज्यसभा से उनके इस्तीफा देने के बाद से कयास लगने लगा है कि मायावती फूलपुर उपचुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो मायावती किसी एक सीट पर उलझे रहने की बजाय प्रदेश में अपनी ताकत लगाना चाहती हैं।
मायावती ने कहा कि बीजेपी जातिवादी, पूंजीवादी, दलित विरोधी पार्टी है। बीजेपी को चैन से बैठने नहीं दूंगी।