नई दिल्ली। भारतीय टीम में इस वक्त मध्यक्रम की बल्लेबाजी को लेकर उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है। इस वक्त टीम में केदार जाधव को बार-बार मौका दिया जा रहा है ताकि वो शानदार प्रदर्शन कर खुद को स्थापित कर सकें लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि केदार अच्छे बल्लेबाज हैं लेकिन वो खुद को साबित नहीं कर पा रहे और ऐसी स्थिति में टीम को दूसरे विकल्प के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि अब टीम की नजर अगले वर्ल्ड कप पर है।
इस वजह से केदार पर उठते हैं सवाल
श्रीलंका के खिलाफ पिछले दो वनडे मैच की बात करें तो इन दोनों ही मैचों में भारतीय टीम के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हुई थी। केदार के पास मौका था इन मैचों में खुद को साबित करने का लेकिन वो दोनों अहम मौकों पर फेल हो गए। दूसरे वनडे में श्रीलंका के खिलाफ केदार ने एक रन बनाया तो तीसरे वनडे में तो वो खाता ही नहीं खोल पाए। वो तो भला दो धौनी का जिन्होंने दोनों मैचों में कमाल की बल्लेबाजी की और टीम को जीत दिलाई।
सिर्फ श्रीलंका में ही नहीं पिछले मैचों में भी केदार रहे हैं फेल
केदार जाधव की बड़ी पारी की बात करें तो उन्होंने 15 जनवरी 2017 को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ 120 रन की पारी खेली थी उसके बाद 15 वनडे मैचों में वो प्रभावित नहीं कर पाए। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी उन्हें हर मैच में मौका दिया गया लेकिन उनके बल्ले से रन नहीं निकला। यही नहीं उसके बाद वेस्टइंडीज दौरे पर भी उनका बल्ला खामोश रहा। यानी हर बड़े मौके पर केदार फिलहाल तो फेल ही रहे हैं। केदार के पिछले 15 वनडे मैचों की बात करें तो उन्हें 6 मैचों में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला लेकिन जिन मैचों में उन्होंने बल्लेबाजी की उसमें उन्होंने 22, 90, 25 (नाबाद), 9, 13 (नाबाद), 40 (नाबाद), 10, 1 और शून्य रन बनाए हैं।
केदार का अंतरराष्ट्रीय वनडे करियर
केदार जाधव ने अब तक कुल 28 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 47.16 की औसत से कुल 566 रन बनाए हैं। उनके नाम क्रिकेट के इस प्रारूप में दो शतक हैं। केदार ने वनडे मैचों में 14 विकेट भी लिए हैं।
केदार का विकल्प हो सकते हैं ये
केदार जाधव को कप्तान विराट पसंद करते हैं इसके पीछे वजह से हो सकता है कि वो गेंदबाजी भी कर लेते हैं और विकेट भी निकाल देते हैं। वैसे 31 वर्षीय केदार बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं। हालांकि बल्लेबाजी तो उनकी लगातार ही फेल हो रही है तो ऐसे में टीम के पास विकल्प है कि वो उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मौका दे। केदार को मौके कम नहीं मिले और वो खुद को साबित करने में नाकाम ही रहे हैं। उनकी जगह मनीष पांडे जैसे खिलाड़ी को अब आजमाया जा सकता है जो कमाल के बल्लेबाज हैं।