लखनऊ, दीपक ठाकुर। सरकार भले बीआरडी मेडिकल कालेज में हो रही बच्चो की मौतों को स्वभाविक मौत मानकर उस पर कोई सख्त कार्यवाही ना कर रही हो पर हाईकोर्ट ने उ प्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निर्देश दिया है कि बीआरडी अस्पताल की सुविधाओं का निरीक्षण कर के रिपोर्ट प्रस्तुत करे।जिसके लिए कोर्ट ने 12 सितम्बर तक का वक़्त भी मुकर्रर कर दिया है।साथ ही कोर्ट ने इस बात की भी चिंता जाहिर की है कि हर वर्ष इतनी मौतें किस कारण हो रही हैं इसका भी पता लगाया जाए और कहा कि डाक्टरों की टीम युद्ध स्तर पर करे ताकि इस जानलेवा बीमारी का सफाया हो सके।कोर्ट ने कहा हजारों बच्चों की हर वर्ष मौत चिंताजनक है इस पर हीलाहवाली नही होनी चाहिए।आपको बता दें कि चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस एम के गुप्ता की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है और उन्होंने ही ये निर्देश भी दिया है।
गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कालेज अभी हाल में ही चर्चा में तब आया जब वहां आक्सीजन की कमी से 35 से भी अधिक मासूम जाने चली गई थी जिस पर मीडिया ने आक्सीजन की कमी की बात पर ज़ोर देते हुए कई तथ्य भी ढ़िये पीड़ितों से भी बात की पर सरकार ने उन मौतों को महामारी से जोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लिया था लेकिन दबाव और मामला तूल पकड़ता देख वहां दस से भी ज़्यादा लोगों पर एफ आई आर दर्ज करा कर मामले की जांच भी की जा रही है हालांकि सरकार अभी तक ये बात नही मान रही कि पिछली मौते आक्सीजन की कमी से हुई थी।
लेकिन अब कोर्ट के निर्देश के बाद लगता है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में हो रही मासूमो की मौत का कारण और उसका निवारण जल्द ही सामने आएगा।