दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। एक ओर जहां सर्दी के मौसम की दस्तक से लोगो को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद जागी है वही दूसरी तरफ उन अभिभावकों के पसीने छूटने वाले हैं जिनके बच्चे निजी विद्यालय में क्षिशा ग्रहण कर रहे हैं।हर बार की तरह इस बार भी स्कूलों से नोटिस आ गई है कि अपने बच्चों की जाड़े वाली ड्रेस स्कूल आ कर कलेक्ट कर ले और इसी नोटिस ने अभिभावकों पर चिंता की लकीर खीच दी बदलते मौसम में भी उनके पसीने छुटाने का इंतज़ाम जो हो गया है।
हालांकि इस बात में कोई बुराई नही की सर्दियों की ड्रेस के लिए सभी निजी स्कूल अभिभावकों को सूचित करते हैं कि अब समय आ गया है कपड़े दूसरे पहना कर बच्चो को स्कूल भेजिए मगर दिक्कत यहां है कि वो कपड़े स्कूल से ही लेने पडते है जहां कोई बारगेनिंग नही हो सकती स्कूल प्रबंधन ने जो दाम तय कर दिए वही मान्य होगा और हां कहीं और से ली गई ड्रेस स्वीकार नही होगी।बस यही है निजी स्कूलों का सर्दी में भी गर्मी का अहसास दिलाने का फ़ंडा।
हालांकि योगी सरकार आने के बाद ये उम्मीद जागी थी कि निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा पर अफसोस इसी बात है कि ऐसा कुछ होता ज़रा भी नज़र नही आ रहा आज भी मोटी फीस ली जा रही है बीच बीच मे अलग से वसूली हो रही है और तो और वक़्त वक़्त पे ये स्कूल गारमेंट्स की दुकान चला कर भी शोषण का पेत्रा अपना रहा हैं तो क्या बदला कुछ नही और उम्मीद भी नही तो अभिभावकों से यही कहना है कि उनके अच्छे दिन आएंगे इस उम्मीद में ना बैठे और स्कूल जा कर बच्चो की सर्दी वाली ड्रेस ज़रूर लाएं क्योंकि बच्चा आपका है।