नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की परमाणु महत्वाकांक्षा और ‘‘फंतासियों’’ ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को बंधक बना दिया था. उन्होंने देशों का आह्वान किया कि उन्हें प्योंगयांग के खिलाफ एकजुट होना चाहिये. उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम में कटौती के लिये क्षेत्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से ट्रंप एशियाई देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिये समय तेजी से खत्म हो रहा है.ट्रंप ने वियतनाम में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के दौरान कहा, ‘‘इस क्षेत्र और इसके खूबसूरत लोगों के भविष्य को किसी तानाशाह की हिंसक विजय एवं परमाणु ब्लैकमेल की फंतासियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को आवश्यक रूप से उत्तर कोरिया द्वारा ज्यादा हथियारों की दिशा में उठाया गया कोई भी कदम ज्यादा खतरे की तरफ लेकर जायेगा जिसके खिलाफ हमें साथ खड़े होना होगा.अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि उत्तर कोरिया पर चीन का आर्थिक प्रभाव प्योंगयांग के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को रुकवाने में अहम हो सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप गुरुवार (9 नवंबर) को बीजिंग में थे और उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अपनी मुलाकात के दौरान चीन से उत्तर कोरिया पर ‘‘जल्द कार्रवाई’’ का आह्वान किया.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (9 नवंबर) को सभी देशों से आग्रह किया था कि वे ‘हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन’ को न तो असलहा मुहैया कराएं, न उसका वित्तपोषण करें और उसके साथ व्यापार को रोक दें. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ग्रेट हॉल में संयुक्त कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरियाई संकट को हल करने के लिए असफल तरीकों को नहीं दोहराने पर सहमति व्यक्त की है. ट्रंप चीन के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. चीन, उत्तर कोरिया का सहयोगी है और व्यापार में सबसे बड़ा साझेदार है.वॉशिंगटन का मानना है कि नजदीकी संबंधों के कारण बीजिंग का प्योंगयांग पर अधिक प्रभाव है. आधुनिक चीन के निर्माता कहे जाने वाले माओ त्से तुंग के एक पुत्र 1950 के दशक में अमेरिका के खिलाफ कोरिया में लड़ाई के दौरान मारे गए थे. ट्रंप ने कहा, “राष्ट्रपति शी और हमने उत्तर कोरिया के पूर्ण रूप से परमाणु निरस्त्रीकरण की हमारी परस्पर प्रतिबद्धता पर चर्चा की है.”