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Friday, December 27, 2024

​लगता है गुजरात में सेल्फ गोल मारने की कांग्रेस की आदत अभी गई नहीं है

कांग्रेस गुजरात चुनाव में उस नब्ज को नहीं पकड़ पा रही है जहां से माहौल को अपने पक्ष में बदला जा सके

EDS PLS TAKE NOTE OF THIS PTI PICK OF THE DAY::::::::: Patan: Congress vice president Rahul Gandhi plays a musical instrument at an interaction program at Harij in Patan district on Monday. PTI Photo (PTI11_13_2017_000198B)(PTI11_13_2017_000245B)
राजकोट से द्वारका जाने के क्रम में जामनगर के फल्ला गांव में सड़क किनारे एक चाय की दुकान पर चाय पीने के लिए हम बैठे तो वहां चर्चा चाय वाले की होने लगी. चुनावी माहौल में जामनगर हाईवे पर ही मौजूद चाय वाले हरपाल सिंह ने बिना लाग लपेट के कह दिया, ‘मोदी शिवभक्त हैं, राष्ट्रभक्त हैं, उनके खिलाफ कांग्रेस के लोग अपमान वाली बात बोलते हैं तो गुस्सा आता है, दर्द होता है.’

यह गुजरात के भीतर एक चाय वाले का गुस्सा था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस के एक ट्वीट के जवाब के तौर पर सामने आ रहा था. यूथ कांग्रेस के विवादित ट्वीट को हालांकि बाद में हटा दिया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाय वाला बताकर उनका मजाक उड़ाया गया था. लेकिन उस ट्वीट ने गुजरात की राजनीति में बवाल मचा दिया है.

जामनगर के फल्ला गांव में सड़क किनारे चाय की दुकान.
लेकिन इस तरह का भाव केवल चाय वाले का ही नहीं था. चाय पीने आए बाकी लोग भी इस बात को मान रहे थे कि इस तरह की भाषा ठीक नहीं. कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.

चाय पीने आए नारायण भाई जाटिया ने कहा, ‘उम्मीदवार कोई भी आवे, मत भाजप में दीता. मोदी ने वोट आपसू, कांग्रेस ने आपो जवाब आपो जो से, जे आवस्तु बोइला छे, ए नो जवाब पब्लिक आपसे.’

नारायण भाई का कहना था- उम्मीदवार कोई भी आवे हम वोट तो बीजेपी को ही देंगे. लेकिन, मोदी के बारे में जो कांग्रेस बोल रही है उसका जवाब पब्लिक देगी.

कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया हमें जामनगर शहर और आगे देवभूमि द्वारका में भी देखने को मिली. अहीर समाज के भीकाजी भाई ने द्वारका में कहा कि निजी तौर पर हमला कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है.

कुछ यही हाल अहमदाबाद और बाकी इलाकों में भी देखने को मिला. वहां भी आम गुजराती के साथ-साथ चाय वाले भी, चाय वाला बताकर प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ाने वाले कांग्रेस के उस ट्वीट को लेकर नाराज दिखे.

मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं बीजेपी

गुजरात चुनाव के बीच मंझधार में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. चुनाव के वक्त ही कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी पहले से ही अपने कार्यकर्ताओं को नसीहत दे रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर कोई निजी हमला नहीं करें. लेकिन, उनके उपदेश का असर नहीं हुआ. कांग्रेस ने यहीं गलती कर दी, जिसे लपकने के लिए बीजेपी पहले से ही तैयार बैठी थी.

22 साल से गुजरात की सत्ता में काबिज बीजेपी को इस बार चुनाव में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में बीजेपी अपने गेम प्लान के मुताबिक पहले से इस बात की तैयारी में है कि कांग्रेस कोई गलती करे और फिर वही गलती गेम चेंजर हो जाए.

गलतियों से सबक नहीं लेती कांग्रेस

बीजेपी के रणनीतिकारों को 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का वह बयान आज भी याद है जब अय्यर ने कांग्रेस अधिवेशन के दौरान मोदी को बाहर टी-स्टाल लगाने के लिए कहा था. बीजेपी ने इस बयान को गरीबों के खिलाफ कांग्रेस की सोच के तौर पर लपक लिया. नतीजा कांग्रेस सफाई देती रह गई लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं मिला.

2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब मौत का सौदागर वाला बयान दिया था तो उस वक्त भी बीजेपी इसे लपक ले गई. मोदी ने इस बयान को सीधे गुजरात की अस्मिता से जोड़ दिया और नतीजा कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी.

इस विवादित ट्वीट के सामने आते ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से लेकर बीजेपी के सभी बड़े नेता सामने आ गए. प्रधानमंत्री मोदी के अपमान को बीजेपी सीधे गरीबों का अपमान बता रही है. गुजराती अस्मिता से जोड़कर बीजेपी एक बार फिर से अपने पाले में कांग्रेस को खेलने पर मजबूर कर रही है.

सूरत में इस बात का नजारा दिखा जब दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजेंदर बग्गा ने सूरत में कांग्रेस के दफ्तर के बाहर पहुंचकर चाय बांटना शुरू कर दिया. बीजेपी की तरफ से इस बात का अनोखा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बीजेपी इस मुद्दे को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने देना चाहती. उसे तो लग रहा है जैसे उसे वो सब मिल गया जिसका इंतजार वो लंबे वक्त से कर रही थी.

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