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Monday, December 30, 2024

सपा के बागियों की होगी घर वापसी!

​लखनऊ। नगर निगम चुनाव में टिकट कटने के बाद बागी हुए कार्यकर्ताओं को सपा फिर से बसाने की तैयारी में है। सदन में अपनी उपस्थिति दमदारी से दिखाने और कार्यकारिणी के चुनाव में वोट का जुगाड़ करने के लिए पार्टी ऐसे बागियों की मान-मनौवल भी कर सकती है। स्थानीय नेतृत्व ने इसके लिए कवायद भी शुरू कर दी है।
नगर निगम चुनाव में सपा के सबसे ज्यादा बागी जीते हैं। इसमें जोन-8 में अकेले 6 पार्षद टिकट कटने पर बगावत कर चुनाव लड़े थे। सपा में सबसे पुराने पार्षदों में से एक सैय्यद यावर हुसैन रेशू ने कहा कि पुराने साथी जो फिर से जीतकर आए हैं, वह दूसरी जगह कहां जाएंगे। अपने घर में खटपट चलती रहती है। सभी वापस आएंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे। नगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दीकी ने कहा कि हम असंतुष्टों से बात करेंगे। सब एक साथ समाजवादी आंदोलन को मिलकर मजबूत करेंगे।
कार्यकारिणी चुनाव है वजह
शपथ ग्रहण के बाद नगर निगम की कार्यकारिणी का चुनाव भी होना है। कार्यकारिणी के 12 सदस्यों की टीम एक तरीके से शहर की कैबिनेट के रूप में काम करती है। महत्वपूर्ण फैसलों पर कार्यकारिणी की मुहर जरूरी होती है। ऐसे में कार्यकारिणी में जगह मजबूत करने के लिए मशक्कत भी खूब की जाती है। इसी को देखते हुए सपा ने कवायद शुरू कर दी है।
ऐसे होता है सदस्यों का चुनाव
12 सदस्यों का चुनाव सभी पार्षद, शहर की सीमा में रहने वाले राज्यसभा सदस्य, लोकसभा सांसद, विधान परिषद सदस्य और शहरी सीमा में रहने वाले विधायक वोट डालकर करते हैं। वोटिंग वरीयता क्रम के अनुरूप होती है। पिछले चुनाव में बीजेपी के पास 6, सपा के पास 4 और कांग्रेस के पास 2 सदस्य थे। कांग्रेस ने पार्षदों की संख्या महज 8 होने के बाद भी दो सीटें हथिया ली थी।
ये हैं सपा के बागी
तिलकनगर कुंडरी-रकाबगंज वॉर्ड से सादिया रफीक, फैजुल्लागंज द्वितीय से जगलाल यादव, कन्हैया माधवपुर द्वितीय से रुकसाना बेगम, कल्बे आबिद-प्रथम से तनवीर हुसैन, कल्बे आबिद-द्वितीय से इफहामउल्ला फैज, मल्लाही टोला-द्वितीय से मर्जिया बानो, अम्बरगंज से नूर अफशा, अशर्फाबाद से आफताब आलम, कश्मीरी मोहल्ला से लईक आगा और इस्माईलगंज-द्वितीय से समीर पाल। इनके टिकट काटकर पार्टी ने दूसरों को दे दिए थे।
कार्रवाई के मूड में बीजेपी
नगर निगम चुनाव में बीजेपी के सौरभ सिंह ‘मोनू’ की पत्नी नेहा को छोड़कर बाकी सभी बागी पार्षद हार गए थे। पिछले चुनाव में भी सौरभ निर्दलीय लड़कर ही जीते थे। बाद में बीजेपी का दामन थामा था। वहीं राजेंद्र पांडेय, कैलाश यादव, अरविंद मिश्र, जितेंद्र उपाध्याय, दिनेश यादव की पत्नी रिंकी चुनाव जीत नहीं पाए। इसके साथ ही बीजेपी जिन वार्डों में हारी वहां भी कई बागियों की वजह से बीजेपी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने ऐसे लोगों की सूची भी मंगवाई है। इन सभी पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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