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Friday, December 27, 2024

​तीन तलाक़ पर बिल पास होने से पहले…

लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया-मो.इरफ़ान शाहिद। तलाक़ के स्वरूप को लेकर मुस्लिम महिलाओं में काफी रोष है वो इस सिस्टम को समाप्त करना चाहती है क्योंकि इसकी वजह से कई महिलाएं जबरन इसका शिकार हो कर बेबसी की ज़िन्दगी जीने को मजबूर हो गई है।मुस्लिम महिलाओं की इसी दबी पीड़ा को भारतीय जनता पर्टी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना प्रमुख मुद्दा भी बनाया और सत्ता में उनका आना भी ये दर्शाता है कि मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक़ के मौजूदा स्वरूप से काफी प्रताड़ित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आश्वासन को पूरा करने के लिए वास्तव में प्रयासरत हैं ये भी साफ हो गया है और तो और न्यायलय ने भी मौजूदा स्वरूप को सिरे से नकार दिया है जिससे मुस्लिम महिलाएं काफी खुश भी दिखाई दी।बावजूद आदेश के भी अभी भी मुस्लिम महिलाओं के साथ ऐसी घटनाएं थमने का नाम नही ले रही है जिसको देखते हुए सरकार ने इसके लिए सख्त कानून बनाने का मन भी बना लिया है इसी को लेकर लोकसभा में बिल भी लाया जाएगा।

लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसके सख्त खिलाफ है सिर्फ पर्सनल लॉ बोर्ड ही नही मुस्लिम नेता भी इसके विरोध में आवाज़ बुलंद कर रहे हैं लेकिन महिलाएं इसके फेवर में नज़र आ रही है वो चाह रही है कि इसके लिए सख्त कानून बने ताकि उनको बेजा ना परेशान किया जाए।

अब पर्सनल लॉ बोर्ड और सरकार दोनो इसको लेकर आमने सामने हैं एक इसको हर कीमत पर लाना चाहता है दूसरा इसको बकवास बता रहा है।वैसे होता वही है जो सरकार चाहती है और मेरे हिसाब से यहां सरकार की चाहत पर संदेह करना बेमानी होगा लेकिन पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य विरोधियों को भी भरोसे में लेकर ये काम किया जाए तो ज़्यादा बेहतर होता जबरन कानून बना देने से भी इस समस्या का हल निकल जायेगा ये कहना भी संदेहजनक ही लगता है।

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