पुणे। पुणे में साल के पहले दिन कोरेगांव भीमा में पेशवाओं पर ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत के 200 साल के जश्न के दौरान शुरू हुई हिंसा की चपेट में पूरा महाराष्ट्र आ गया है। हिंसा के चलते जहां आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया है वहीं मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस बीच पूरी घटना को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इस पूरी हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहरा दिया है वहीं आरएसएस ने भी इस हिंसा की निंदा की है।
आरएसएस प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने ट्वीट कर लिखा है कि कोरेगांव भीमा की घटना दुखद है और इसमें दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। संघ इस हिंसा की कड़ी निंदा करता है। कुछ ताकतें समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही हैं। लोगों को इस तरह की नापाक रणनीति का शिकार नहीं बनना चाहिए।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि संघ और भाजपा दलितों को समाज में सबसे नीचे पायदान पर रखना चाहती है। ऊना, रोहित वेमुला और भीमा-कोरेगांव की हिसा दलितों के प्रतिरोध के उदाहरण हैं।
मायावती, बसपा प्रमुख ने कहा कि यह जो हिंसा हुई उसे रोका जा सकता था। सरकार को वहां सुरक्षा के उचित प्रबंध करने चाहिए थे। वहां भाजपा की सरकार है और उन्होंने यह हिंसा कराई। लगता है इसके पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।
एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने एहतियात नहीं बरती, इसलिए हिसा भड़की। सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र के लोग तनाव शांत करने आगे आएं।