एजेंसी | ट्विटर को कर्नाटक हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सरकार के एक आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका को खारिज कर दिया है, साथ ही ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल सरकार ने IT नियमों के तहत ट्विटर को कुछ अकाउंट्स हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आज के फैसले में ट्विटर की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘हम इस बात से सहमत है कि सरकार के पास ट्वीट के साथ-साथ अकाउंट्स को हटवाने की ताकत है.’ मामले पर कोर्ट ने अप्रैल में ही फैसला कर लिया था, लेकिन तब ऑर्डर को रिजर्व रखा गया था.
हालांकि केंद्र ने अपने तर्क में ट्विटर के विदेशी कंपनी होकर भारत सरकार के आदेश को चुनौती देने की वैधता पर सवाल उठाए थे. भारतीय संविधान के मुताबिक, केवल एक भारतीय नागरिक को ही संविधान के आर्टिकल 19 में निहित बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का मौलिक अधिकार मिला है. जबकि ट्विटर ना तो एक भारतीय व्यक्ति है और ना ही यह भारत में रजिस्टर्ड कंपनी है.
कोर्ट का ये फैसला ट्विटर के पूर्व-CEO जैक डॉर्सी के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें डॉर्सी ने कहा था कि 2021 में किसान विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए आलोचना करने वाले अकाउंट्स को प्रतिबंधित करने के आदेशों का पालन नहीं करने पर देश में सोशल मीडिया को बंद करने की धमकी दी गई थी. सरकार ने डॉर्सी के इस आरोप को सरासर झूठ बताया था.
सूचना प्रौद्योगिकी उप मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा कि अदालत ने फैसला सुनाया कि ट्विटर को नोटिस दिया गया था, जिसका उसने पालन नहीं किया.