महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास वर्षा पर हुई भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में नगर निगम चुनावों के बाद की स्थिति की समीक्षा की गयी और बीएमसी के विकल्पों पर विचार किया गया।
बैठक से पहले मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि भाजपा बीएमसी के प्रशासन में पारदर्शिता के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बीएमसी में कांग्रेस के साथ किसी तरह के गठजोड़ की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
बीएमसी चुनावों में भाजपा को 82 सीटें मिली हैं और शिवसेना आज तीन निर्दलीयों के समर्थन के साथ 87 के आंकड़े पर पहुंच गयी है। 227 सदस्यीय निगम में बहुमत के लिए 114 का जादुई आंकड़ा छूना होगा।
शिवसेना और भाजपा की मदद नहीं करेगी कांग्रेस: निरूपम
निकाय चुनावों के दौरान 227 में से सिर्फ 31 सीटें जीत अपना सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ने कहा है कि वो ऐसा कुछ भी नहीं करेगी, जिससे भाजपा या शिवसेना को देश की सबसे अमीर महानगर पालिका पर कब्जा करने की कोशिश में मदद मिले।
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने बताया, हम अपने वैचारिक रूख को कमजोर नहीं होने देंगे। लोगों ने हमें हराया है और विपक्ष में बैठने का आदेश दिया है। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन मतदाताओं ने, एक दूसरे से बेहद कड़वाहट भरी जंग लड़ने वाले, भगवा दलों को भी सत्ता की चाभी नहीं सौंपी है। कांग्रेस इन दोनों दलों की मदद नहीं करेगी, लेकिन उनके बीच जारी जंग और बढ़ते मतभेद को देखना पसंद करेगी।
उन्होंने कहा कि लोग अब ये देखेंगे कि कैसे पारदर्शिता के नाम पर वोट मांगने वाले दल खरीद—फरोख्त में जुटे हैं।
भाजपा ने बीएमसी चुनावों के लिए पारदर्शिता को मुख्य मुद्दा बनाया था।
मुंबई में आए खंडित जनादेश की वजह से भाजपा और शिवसेना के बीच समीकरण बदलने की उम्मीद है क्योंकि दोनों ही अपने दम पर बीएमसी पर शासन करने की स्थिति में नहीं हैं। ये हालांकि अब तक साफ नहीं है कि केंद्र और राज्य सरकार में साझेदार भाजपा और शिवसेना बीएमसी पर शासन के लिए हाथ मिलाएंगे या नहीं।