डॉ मृदुला द्वारा लिखित पुस्तक सरल संस्कृत व्याकरण, संस्कृत के सभी विद्यार्थियों के लिए होगी उपयोगी, लखनऊ के कैंट क्षेत्र में नीलमथा की रहने वाली डॉ मृदुला मिश्रा पत्नी वीरेंद्र जा मिश्रा जिन्होंने 2011 में लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष, कला संकाय के डीन, ज्योतिषाचार्य, पद्मश्री से सम्मानित, प्रोफेसर डॉक्टर बृजेश कुमार शुक्ला के सानिध्य में पीएचडी कर लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर निरंतर प्रयासरत रहकर ,सरदार पटेल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वैदिक रिसर्च सेंटर कनकहा मोहनलालगंज लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहकर बी ए एम एस प्रथम वर्ष के बच्चों की संस्कृत विषय में होने वाली पढ़ाई में समस्या को लेकर विचार करते हुए वर्षों के प्रयास के बाद सरल संस्कृत व्याकरण पुस्तक का किया है लेखन, अयोध्या जिला के मिल्कीपुर क्षेत्र की रहने वाली डॉ मृदुला की शिक्षा दीक्षा गांव के ही स्कूल में हुई और बी ए, एम ए की पढ़ाई अपने जिला अयोध्या के अवध विश्वविद्यालय के कॉलेजों में की, बाद में पति विरेंद्र के साथ लखनऊ में रहते हुए हासिल किया पीएचडी की डिग्री, और संस्कृत विषय पर निरंतर करती रही अध्ययन, आपने अपने लेखन के क्षेत्र में कई किताब, मासिक पत्रिका में लेखों को भी लिखा है, जिसमें लखनऊ से प्रकाशित कोशल मे स्मृतियों का सांस्कृतिक परिवेश तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी में संस्कृत साहित्य में भारतीय संस्कृति की अवधारणा, वेदों में पर्यावरण के महत्व के विषयों पर लेखन करते हुए ,सरल संस्कृत व्याकरण पुस्तक का किया है लेखन ,डॉ मिश्रा से बात करने पर उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की अनुरूप समीक्षा एवं व्याख्या आज की सुगम प्रस्तुति ही हमारा लक्ष्य है ,आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की संस्कृत व्याकरण एवं संहिता ग्रंथों के अध्ययन में यह हमारा प्रयास विद्यार्थियों के लिए अवश्य लाभान्वित करेगा,