एजेंसी | भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा को खत्म हुए कुछ ही दिन बीते हैं कि उसकी गूंज ब्रिटेन यानी यूनाइटिड किंगडम तक पहुंच गई. ब्रिटिश प्रधानमंत्री रिषी सुनक के देश से देश भारत को 30 हजार करोड़ रूपये का तोहफा भी आ गया. ये तोहफा है सेमीकंडक्टर इंवेस्टमेंट का. ब्रिटिश फर्म सेमीकंडक्टर का प्लांट ओडिशा में लगाने में का विचार कर रही है. इससे पहले अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी ने गुजरात के सांणद में प्लांट लगाने का ऐलान किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर यूके कौन सी कंपनी है जो ओडिशा में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि यूके स्थित एक कंपनी ओडिशा के गंजम जिले में एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की प्लानिंग कर रही है. जिसमें कहा गया है कि पहले फेज में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यूके बेस्ड एसआरएएम एंड एमआरएएम ग्रुप की भारतीय यूनिट एसआरएएम एंड एमआरएएम टेक्नोलॉजीज एंड प्रोजेक्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए 26 मार्च को राज्य सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया था. कंपनी के अधिकारियों ने इसके अध्यक्ष गुरुजी कुमारन स्वामी के नेतृत्व में जिले के छत्रपुर के पास कुछ शहरों का दौरा किया और फिर गुरुवार को छत्रपुर में जिला प्रशासन के साथ बैठक की.
गंजम के कलेक्टर दिब्या ज्योति परिदा ने निवेशकों को यूनिट स्थापित करने के लिए सभी सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है. कंपनी को यूनिट स्थापित करने के लिए करीब 500 से 800 एकड़ जमीन की जरूरत है. फर्म के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देबादत्त सिंहदेव ने कहा कि हमने प्रस्तावित सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए टाटा के औद्योगिक पार्क और कुछ प्राइवेट लैंड सहित कुछ साइटों का दौरा किया है. कंपनी की एक तकनीकी टीम साइट को अंतिम रूप देने के लिए जिले का दौरा करेगी.
कंपनी के अधिकारियों ने ओडिशा के कुछ अन्य जिलों का भी दौरा किया, लेकिन उन्होंने स्वच्छ पानी और ऊर्जा की उपलब्धता के अलावा, फैब्रिकेशन यूनिट की बुनियादी आवश्यकता जैसे गोपालपुर बंदरगाह, एक डेडीकेटिड इंडस्ट्रीयल कॉरिडेार, एक एयर स्ट्रिप और एक नेशनल हाईवे के निकट होने के कारण छत्रपुर के पास की साइट को प्राथमिकता दी.
सिंहदेव ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य दो साल के भीतर यूनिट स्थापित कर 5,000 लोगों को सीधे रोजगार उपलब्ध कराना है. इसने 2027 तक लगभग 2 लाख करोड़ रूपये का निवेश करके बाद के चरणों में यूनिट को एक्सपैंड करने की भी योजना बनाई है. सेमीकंडक्टर यूनिट मोबाइल फोन, टेलीविजन सेट, लैपटॉप, एयर कंडीशनर और एटीएम में उपयोग की जाने वाली मेमोरी चिप्स का उत्पादन करेगी. चूंकि देश सेमीकंडक्टर्स के निर्माण पर आत्मनिर्भर नहीं है, इसलिए यह विभिन्न देशों से सालाना लगभग 3 लाख करोड़ सेमीकंडक्टर्स का आयात करता है.