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Friday, November 22, 2024

MP: पीएम मोदी ने कमलापति रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में नए तरह से बनाए गए कमलापति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान भी मौजूद रहें। पीएम मोदी ने इससे पहले रतलाम जिले में बनने वाले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में राशन आपके ग्राम योजना और हिमोग्लोबिनोपैथी मिशन का शुभारंभ भी किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर, पूरे देश के जनजातीय समाज की कला-संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है, उन्हें सम्मान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जनजातीय नायक-नायिकाओं की वीर गाथाओं को देश के सामने लाना, उसे नई पीढ़ी से परिचित कराना, हमारा कर्तव्य है। गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता।

पीएम ने कहा कि इसकी वजह ये है कि जनजातीय समाज के योगदान के बारे में या तो देश को बताया ही नहीं गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में जानकारी दी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आजादी के बाद दशकों तक जिन्होंने देश में सरकार चलाई, उन्होंने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति को ही प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज को उचित महत्व नहीं देकर पहले की सरकारों ने जो अपराध किया है, उस पर लगातार बोला जाना जरूरी है। देश का जनजातीय क्षेत्र संसाधनों के रूप में संपदा के मामले में हमेशा समृद्ध रहा है। लेकिन जो पहले सरकार में रहे वो इन क्षेत्रों के दोहन की नीति पर चले। हम इन क्षेत्रों के सामर्थ्य के सही इस्तेमाल की नीति पर चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज में प्रतिभा की कभी कोई कमी नहीं रही है लेकिन दुर्भाग्य से पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को अवसर देने के लिए जो जरूरी राजनीतिक इच्छा शक्ति चाहिए वो बहुत कम थी।

 

 

 

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