सीतापुर अनूप पांडेय/NOI- उत्तर प्रदेश सीतापुर जनपद के लहरपुर क्षेत्र के भदफर हो या तंबौर डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं। कोई भी बीमारी होने पर डॉक्टर ही याद आते है और विश्वास होता है कि डॉक्टर के पास जाएंगे तो ठीक हो जाएंगे, लेकिन जब डॉक्टर को ही पूर्ण जानकारी न हो तो निश्चित ही इलाज करवाने में डर लगेगा। जनपद सीतापुर के बेहटा विकास खण्ड के गाँवो व कस्बो में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है। जगह-जगह यहां झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक खुले हुए है और अपनी छोटी सी किराये की दुकान को क्लीनिक बना कर बेखौफ इलाज कर लोगों से इलाज के नाम पर ठगी करते नजर आते हैं। सेमरापुरवा सेखनापुर तंबौर शाहपुर भदफर खनियापुर की सड़को व गलियों में झोलाछाप डॉक्टर साहब के क्लीनिक मिल जाएंगे। जहां बिना कोई डिग्री, डिप्लोमा लिए फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों को इलाज के नाम पर रकम ऐंठने व उनके जीवन से खिलवाड़ करते बड़ी आसानी से अपनी छोटी सी किराए की दुकान मे बोतले टंगी देखने को मिल जाएंगे, लेकिन चल रहे ऐसे क्लीनिकों पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती। आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं कि मामूली बीमारी को भी ये लोग गंभीर बनाकर अपने सेटिंग वाले निजी अस्पतालों में भर्ती करवाकर मोटा कमीशन भी लेते हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो जब भी इन झोला-छाप डॉक्टरों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है तो लिखा पढ़ी कर लौट आती है। बाद में मोटी रकम लेकर मामला रफा-दफा कर पुन: मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का लाइसेंस दे दिया जाता है।
खैर अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग की नजर इन पर कब पड़ती है? क्या अवैध व बिना रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों व क्लीनिकों पर चलेगा बाबा का बुलडोजर या फिर कार्यवाई के नाम पर होगी सिर्फ खाना पूर्ति?