लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नगर विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल में शुक्रवार को दम तोड़ दिया है। विशंभर दयाल में सचिवालय के बापू भवन में सोमवार को खुद को गोली मार ली थी। जिसके बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
निजी सचिव विशम्भर दयाल का पांच दिन से इलाज चल रहा था। लोहिया संस्थान के सीएमएस डॉ राजन भटनागर ने बताया की आईएएस रजनीश दुबे के निजी सचिव वेंटिलेटर पर भर्ती थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई।
विशम्भर दयाल ने खुद को सिर में सटाकर गोली मारी थी। दयाल को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ऑपरेशन कर उनके सिर से गोली तो निकाल ली गई थी। लेकिन उनकी हालत लगातार गंभीर बनी थी। पुलिस को घटना के दिन बापू भवन के आठवें तल पर कमरे में विशम्भर दयाल के हाथ में रिवाल्वर, खोखा व जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट मिला था। इस सुसाइड नोट में विशम्भर ने बहन के ससुराली विवाद को तनाव का कारण बताया है।
विशम्भर दयाल की पत्नी का कहना है कि उन्हें दफ्तर के किसी विवाद की जानकारी नहीं है। वह बहन की ससुराल के विवाद से जरूर परेशान थे। बहन की ससुरालजनों से विवाद मामला उजागर होने के बाद उन्नाव के तत्कालीन इंस्पेक्टर हर प्रसाद अहिरवार व दारोगा नमीजुद्दीन को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस विशंभर और उनकी बहन के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस ने गुरुवार को कुछ लोगों के बयान दर्ज किए है।
अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि विशंभर दयाल उनके साथ नौ वर्ष से से काम कर रहे थे। बहुत ही शांत स्वभाव के थे। वह खुद भी नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा उन्होंने क्यों किया।