लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के चुनाव प्रचार का कार्य शुक्रवार शाम छह बजे थम जाएगा। इस चरण में अवध और पूर्वांचल के 11 जिलों की 61 सीटें रविवार यानि 27 फरवरी को वोट डाले जाएगें। इनमें अयोध्या भी शामिल है, जहां राम मंदिर का निर्माण एक अहम मुद्दा है। इस चरण में 693 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि पांचवें चरण के चुनाव के लिए शुक्रवार शाम छह बजे के बाद से जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर प्रभावी रूप से रोक लग जायेगी और यह रोक पांचवें चरण का मतदान समाप्त होने तक अर्थात 48 घंटे तक प्रभावी रहेगी। उन्होंने बताया कि पांचवें चरण के मतदान की तैयारी पूरी कर ली गई है और 27 फरवरी को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी तरीके से मतदान सम्पन्न कराने के लिए आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
27 फरवरी को जिन जिलों में मतदान होना हैं उनमें अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, चित्रकूट, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी और गोंडा शामिल हैं। प्रदेश के इस हिस्से को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 2017 में भाजपा ने यहां की 47 और सहयोगी अपना दल ने तीन सीटें जीती थीं। पांच सीटें बसपा, तीन सपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।
पांचवे चरण में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, इलाहाबाद पश्चिम से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहाबाद दक्षिण से नंद गोपाल नंदी, प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से मोती सिंह जैसे मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व मंत्रियों में अवधेश प्रसाद, तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय, कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह मुख्य हैं। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री गोंडा जिले की मनकापुर सुरक्षित और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से तकदीर आजमा रहे हैं।