नई दिल्ली :
वह दिन दूर नहीं जब नगर निगम घर घर जाकर लोगों से कहेगा कि जरा सा कूड़ा दे दो भाई। नगर निगम जिस योजना पर काम कर रहा है उसके लिए उसे कूड़े की जरूरत होगी। योजना के तहत नगर निगम एक साल के अंदर इस कूड़े से लगभग 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा।
नगर निगम दक्षिणी कर रहा 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन
नगर निगम दक्षिणी का ठोस कचरे से बिजली बनाने का प्लाट कई महीने से काम कर रहा है। प्लांट से बिजली बनाने का रोजाना का लक्ष्य 16 मेगावट है, लेकिन अभी 10 मेगावाट बिजली ही तैयार हो पा रही है। माना जा रहा है कि अगले साल तक 16 मेगावाट बिजली तैयार होनी शुरू हो जाएगी।
नगर निगम उत्तारी नरेला में लगा रहा प्लांट
नगर निगम उत्तारी नरेला में प्लाट लगा रहा है। जहां पर अभी ठोस कचरे से आरडीएफ कोयले जैसा पदार्थ बनाने का काम शुरू हो गया है। इसी से बिजली बनाई जाएगी। शुरुआत में इसकी 14 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है।
गाजीपुर में बन रहा नगर निगम पूर्वी का प्लांट
नगर निगम पूर्वी गाजीपुर में इसी तरह का प्लांट लगा रहा है। प्लांट तैयार होने का कार्य अंतिम चरण में है। जबकि आरडीएफ बनाने का काम शुरू हो चुका है। यहां 10 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। कूड़े से बिजली बनाने के लिए काम एक साल के अंदर शुरू हो जाएगा।
योजना से एमसीडी को लाभ
एमसीडी के लिए कूड़े का निस्तारण सबसे बड़ी चुनौती है। ईस्ट दिल्ली के सेनेटरी लैंडफिल की समयसीमा वर्षो पहले खत्म हो चुकी है। कोई विकल्प न होने से कूड़ा यहीं डंप किया जा रहा है। इससे यहां कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट लैंडफिल को मुक्ति मिल जाएगी। लोगों को बिजली मिलेगी। एमसीडी को लैंडफिल तक कूड़ा पहुंचाने के लिए जो ट्रक, लोडर और कर्मचारी लगाने पड़ते हैं वह नहीं लगाने पड़ेंगे। नगर निगम दक्षिणी के प्रवक्ता मुकेश यादव कहते हैं कि उनके यहां 10 मेगावाट बिजली तैयार हो रही है। उत्तारी व पूर्वी के प्रवक्ता योगेंद्र सिंह मान कहते हैं कि उनके यहां के दोनों प्लांट अगले साल तक बिजली का उत्पादन शुरू कर देंगे।