भारत में प्राचीन काल से जादू, टोना, भूत-प्रेत आदि की बातें होती आ रही हैं। कई लोग इसे मानते हैं कई लोग नहीं मानते है। आज ऐसा ही बताने जा रहे हैं आपको हम।
1. नाखून – काला जादू में सबसे ज़्यादा नाखून का प्रयोग होता है। काला जादू करने के लिए नाखून सबसे बेहतर चीज़ होती है। क्योंकि नाखून में डीएनए मौजूद होता है।
2. बाल – जादू-टोना करने वाले तांत्रिक इंसान के बालों का प्रयोग करता है। बाल में डीएनए के अंश मौजूद होते हैं, इसलिए उससे काले जादू का असर काफ़ी प्रभावकारी होता है।
3. कपड़े – कुछ लोगों को किसी खास कपड़े से ज़्यादा ही लगाव होता है। इसलिए तांत्रिक अकसर इनका इस्तेमाल करते हैं। इसलिए अपने बच्चों के कपड़े को किसी अनजान शख़्स को नहीं देना चाहिए। इसके पीछे भी काले जादू का ही डर होता है।
4. नींबू – नींबू के अच्छे और बुरे दोनों असर होते हैं। बुरी नज़रों और काले जादू से बचाने के लिए भी नींबू काफ़ी उपयोगी होता है, तो काला जादू करने के लिए भी इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है।
5. काला धागा या काला कपड़ा – काला जादू में जिस इंसान पर जादू करना होता है, उसका काले कपड़े और धागे से पुतला बनाया जाता है। उस पुतले को उस इंसान का प्रतिरूप मान कर काला जादू में इस्तेमाल किया जाता है।
6. सिंदूर – काले जादू में सिंदूर का प्रयोग सबसे ज़्यादा डायनों के द्वारा किया जाता है. डायनें सिंदुर का प्रयोग किसी के सुहाग को खत्म करने में करती हैं।
7. तेल – तेल का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिस पर जादू करना है। तेल में काला जादू कर उसे उस इंसान पर लगाने की सलाह दी जाती है, जिस पर यह करना होता है।
8. हड्डियां और कंकाल – हड्डियां और कंकाल काले जादू में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। हड्डियां इन बुरे कामों का आधार होती हैं।
9. पसंदीदा खाना – तांत्रिक अथवा डायन टारगेटेड इंसान के पसंद की खाने की चीज़ का पता लगाते हैं। ताकि उस खाने में मिला कर कुछ ऐसा जादू किया जा सके, जिसका असर काफ़ी व्यापक हो।
10. अंधेरी रात अथवा अमावस्या की रात – माना जाता है कि अमावस्या का दिन बुरी आत्माओं को बुलाने के लिए काफ़ी अहम होता है। तांत्रिक अथवा डायन की शक्ति इस दिन प्रबल हो जाती है। इस दिन बुरी शक्तियां काफ़ी बलवान हो जाती हैं।